famous slogans of indian freedom fighters in hind

famous slogans of indian freedom fighters in hindi

नमस्कार दोस्तों।
आज फिर इस पोस्ट में मैं आपके ज्ञान में वृद्धि करूँगा। जैसा कि सभी जानते हैं कि भारत एक महान देश है जिसमें बहुत से वीर लोगों ने जन्म लिया और अपने देश के लिए कुर्बान हो गए। इन लोगों के बहुत से ऐसे कथन हैं जो हमे हमेशा याद रखने चाहिए।
इस पोस्ट में मैं आपको उनके कथन  बताऊंगा। इन कथनों से संबंधित प्रशन बहुत सी परिक्षाओ में भी पूछे जाते हैं।तो मेरी आपसे विनती है कि आप इन सभी कथनों को ध्यान से पढ़े
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1) करो या मरो ~ महात्मा गांधी।
2) तुम मुझे खून दो में तुम्हें आजादी दूंगा ~ सुभाष चंद्र बोस।
3) आराम हराम है ~ जवाहरलाल नेहरू।
4) स्वतंत्रता मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है ~ बल गंगाधर तिलक।
5) इंकलाब जिंदाबाद ~ इकबाल।
6) सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा ~ इकबाल।
7) विजयी विश्व तिरंगा प्यारा ~ श्याम लाल गुप्ता।
8) वन्दे मातरम ~ बंकिम चंद्र चटर्जी।
9) जय जवान जय किसान ~ लाल बहादुर शास्त्री।
10) उठो,जागो और बगैर रुके लक्ष्य तक पहुंचो ~ स्वामी विवेकानंद।
11) जय हिंद ~ सुभाष चंद्र बोस।
12) मैन चंगा तो कठौती में गंगा ~ संत रैदास।
13) व्यवहार एक दर्पण है जिसमें व्यक्ति का व्यक्तित्व दिखाई देता है। ~ रवीन्द्रनाथ ठाकुर।
14) मेरे पैर उधर कर दे, जिधर तेरा काबा न हो ~ गुरु नानक।
15) सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है ~ रामप्रसाद बिस्मिल।
16) वेदों की और लौटो ~ स्वामी दयाननद।
17) कृण्वन्तो विश्वमार्यम ~ स्वामी दयाननद।
18) अश्वत्थामा हतो नरो वा कुंजरो वा ~ युधिस्ठिर।
19) एक सुई की नोक बराबर पृथ्वी भी नहीं दूंगा ~ दुर्योधन ।
20) खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी ~ सुभद्रा कुमारी चौहान।
21) नारी तुम केवल श्रद्धा हो ~ जयशंकर प्रसाद।
22) नारी जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी,
      आँचल में है दूध और आँखों में पानी।
      ~ मैथिलीशरण गुप्त
23) चाह नहीं में सुरबाला के गहनों में गूँधा जाऊँ।~ माखन लाल चतुर्वेदी।
24) नर सेवा नारायण सेवा। ~ स्वामी विवेकानंद।
25) ईश्वर तेरी इच्छा पूर्ण हो।~ स्वामी दयानंद।
26) मुक्ति दिलाने आया हूँ,मृत्यु नहीं। ~ स्वामी दयानंद।
27) मुझे अगर 100 निष्ठावान कार्यकर्ता मिल जाएं तो में भारत के क्या पलट कर सकता हूँ। ~ स्वामी विवेकानंद।
28) हे राम ~महात्मा गांधी।
29) जन गण मन अधिनायक जय हे ~ रवीन्द्रनाथ ठाकुर।
30) who lives if India dies ~ Jawaharlal Nehru
31) अंग्रेजों भारत छोड़ो ~ महात्मा गांधी।
32) सवा लाख से एक लड़ाऊँ ~गुरु गोविंद सिंह।
33) अपना राज्य बुरा होने पर भी, विदेशी राज्य से सौ गुना अच्छा है ~ स्वामी दयानंद।
34) तृष्णा ही सब दुखों का मूल है ~ महात्मा बुद्ध।
35) मेरी अहिंसा कायरता नहीं सिखाती ~ महात्मा गांधी।
36) मेरे सिर पर लाठी का एक एक प्रहार अंग्रेजी शासन के ताबूत के कील बन कर रहेगा। ~ लाल लाजपतराय।
37) अभ्यास से विद्या धारण की जाती है, कुल को शील से धारण किया जाता है, गुणों से मित्र धारण किये जाते हैं तथा नेत्रों से क्रोध धारण किया जाता है। ~ चाणक्य नीति।
38) जहां स्त्रियां पूजित होती है,वहीं देवताओं का वास होता है। ~ मनुस्मृति।
39) जिस वृक्ष की छाया में बैठे अथवा लेटें, उसकी शाखा तक न तोड़े। मित्र द्रोह पाप है। 
~ जातक।
40) जिन्होंने सब कच त्याग दिया है , वे मुक्ति के द्वार पर हैं, बाकी सब मोह जाल में फंसे हैं। ~ तिरुवल्लुवर।
41) भय की भांति, साहस भी संक्रामक होता है। ~ प्रेमचंद।
42) भले बुरे की परवाह करने वाला , प्रेम नहीं कर सकता। ~ ओशो।
43) सूर्य,चंद्रमा तथा सत्य लंबे समय तक ओट में नहीं रह सकते। ~ बुद्ध।
44) मूर्ख आदमी कुछ भी कहे, विद्वान पुरुष को सब कुछ  सहन कर लेना चाहिए। ~ वेदव्यास।
45) जो जिस चीज की इच्छा करता है, वह उसे अवश्य पा लेता है,बसर्ते वह बीच में ही प्रयास न छोड़ दे। ~ योग वशिष्ट।
46) जो शांत भाव से सहन करता है, वह गंभीर रूप से आहत भी होता है। ~ रवीन्द्रनाथ टैगोर।
47) मानवता दूसरे के दोषों को छिपाती है, तुच्छता दूसरे के दोषों को निकलती है। ~  तिरुवल्लुवर।
48) कौन इस प्राणी है जो अपनो का विरह सह सकता है। ~ बाणभट्ट।
49) यदि आपका हृदय ईमान से भरा है, तो शत्रु क्या सारा संसार आपके संमुक्ज हतियार ढाल देगा। ~ रामतीर्थ।
50) स्वधर्म के प्रति प्रेम , पर धर्म के प्रति आदर तथा अधर्म के प्रति उपेक्षा ही असली धर्म है। ~ विनोबा।
51) अतीत को दफना दो , अनंत भविष्य तुम्हारे सामने है। ~ विवेकानंद।
52) एक तपे हुए लोहे को, दूसरे तपे हुए लोहे से जोड़ देना ही ठीक है। ~ कालिदास।
53) बार-बार यत्न करने से, असंभव भी संभव हो जाता है।शत्रु मित्र हो जाता है और विष अमृत बन जाता है। ~ योग वशिष्ठ।
54) महान कार्य करने के लिए शत्रु से भी संधि कर लेनी चाहिए। ~ भागवत।
55) दया करना सबसे बड़ा धर्म है। ~ वाल्मीकि।
56) नास्तिक वह है जिसे अपने पे विश्वास नही है।  ~  विवेकानंद ।
57) हम अगर चलते हुए गिरते हैं तो हमें परेशान नही होना चाहिए। इससे हममें और बेहतर ढंग से चलने का कौशल विकसित होता है। ~  अरविंद।
58) हम जितनी जलदी लोगों की भावनाओं का अनुमान लगा सकें, दुनिया के लिए उतना ही अच्छा है। ~ डॉ राधाकृष्ण।
59) जो व्यक्ति अपनी निंदा की क्षमता रखता है , उससे बड़ा जितेन्द्रिय कोई नहीं। ~ महारिषि वेदव्यास।
60) श्रेष्ठ की संगति किसका बल नहीं बढ़ाती। ~ कालिदास।
61) प्रशंशा सफलता की नही,सज्जनता की होनी चाहिए। ~ श्री राम आचार्य।
62) जो अत्यधिक सोम्य है , वी पगपग पर शंकित रहते हैं, जो दूसरों की निंदा से डरते हैं , ऐसे लोग कभी समृद्ध नहीं होते। ~ चाणक्य नीति।
63) मनुषय अपने ही दोषों के कारण शंकित रहता है। ~ भास।
64) यदि तुम सूर्य के खोने पर आंसू बहाओगे तो तुम तारों को भी खो दोगे। ~ रवीन्द्रनाथ टैगोर।
65) राजा जैसा आचरण करता है प्रजा भी वैसा ही आचरण करती है। ~ वाल्मीकि।
66) लोग एक दूसरे को शिक्षा देतें हैं,किन्तु स्वयं उसका पालन नही करते । ~ तुलसीदास।
67) मनुष्य को जो प्राप्ति होनी है , वह होगी,भाग्य भी बढ़ नही दाल सकता। ~ पंचतंत्र।
68) तुम हमेशा कह सकते हो किबपर्तिम ईश्वर है , केवल यही सोचने से बचना की इश्वर प्रतिमा है। ~ स्वामी विवेकानंद।
69) सोने की सुद्धता या मिलावट अग्नि में ही पारखी जा सकती है। ~ कालिदास।
70) रिवाज़ के कुएं में तैरना अच्छा है,डूबना आत्महत्या। ~ महात्मा गांधी।
तो दोस्तों कैसे लगे आपको हमारे भारत के महान व्यक्तित्वों के उच्च कथन। इन कथनों को पढ़कर आपको जीवन के सच तो पता चल ही गए होंगे।
आपका मेरी ये पोस्ट पढने के लिए बहुत ही धन्यवाद। अगर आपको मेरी पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे लाइक और मेरे बकोग को सब्सक्राइब भी कर लीजिये।


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